Video Viral : चलती बस में $EX करते हुए पकड़े गए कपल, शर्मनाक हरकत कैमरे में कैद
Sexual Act in Mumbai Bus।नवी मुंबई नगर निगम (NMNC) की एक एसी बस में घटित एक शर्मनाक घटना ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी है। वायरल हो रहे 22 सेकंड के वीडियो में एक युवक और युवती सार्वजनिक परिवहन के भीतर आपत्तिजनक हरकत करते हुए देखे गए। इस वीडियो के सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और लोग सोशल मीडिया पर इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
यह शर्मनाक वाकया उस समय हुआ जब NMNC की बस पनवेल से कल्याण के लिए रवाना थी और रास्ते में ट्रैफिक जाम में फंसी हुई थी। बस में अधिक भीड़ न होने का फायदा उठाते हुए कपल ने पिछली सीट पर अशोभनीय हरकत कर डाली। इसी दौरान बस में मौजूद एक अन्य यात्री ने इस पूरी घटना को अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड कर लिया।
NMNC का तत्काल एक्शन: कंडक्टर पर कार्रवाई
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, NMNC प्रशासन ने इस पर तेजी से प्रतिक्रिया दी। विभागीय जांच शुरू करते हुए बस कंडक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उससे स्पष्ट पूछा गया है कि घटना के दौरान उसने क्यों हस्तक्षेप नहीं किया और जोड़े को ऐसा करने से रोका क्यों नहीं।
इतना ही नहीं, निगम ने कंडक्टर के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई है। अधिकारियों का कहना है कि कंडक्टर उस समय बस के अगले हिस्से में मौजूद था और उसे बस के पिछले हिस्से में हो रही गतिविधियों की जानकारी नहीं थी। फिर भी, सार्वजनिक परिवहन में यात्री अनुशासन सुनिश्चित करना स्टाफ की ज़िम्मेदारी है।
वीडियो किसने बनाया और कैसे हुआ वायरल?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कपल बस की पिछली खिड़की के पास बैठा था। तभी एक अन्य वाहन में बैठे व्यक्ति ने इस दृश्य को देख लिया और अपने मोबाइल से घटना को रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसने यह रिकॉर्डिंग इसलिए की क्योंकि उसे लगा कि सार्वजनिक स्थान पर ऐसी गतिविधि बेहद आपत्तिजनक है और इसे रोकना जरूरी है।
वीडियो के वायरल होते ही नागरिकों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की, जिससे यह मामला तूल पकड़ गया।
आरटीआई कार्यकर्ता ने जताई चिंता
इस मामले को उजागर करने वाले महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता अनारजित चौहान ने बताया कि उस समय बस लगभग खाली थी और ट्रैफिक के कारण बस धीमी गति से चल रही थी। उन्होंने कहा कि नागरिक परिवहन में इस तरह की घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं और युवाओं को अपने सार्वजनिक आचरण के प्रति अधिक जिम्मेदार होना चाहिए।
चौहान ने कहा, “आजकल हम देखते हैं कि युवा जोड़े पब्लिक प्लेसेज जैसे सागर विहार या पाम बीच रोड पर बिना संकोच के एक-दूसरे के प्रति अत्यधिक स्नेह दिखाते हैं। यह एक सामाजिक चिंता का विषय बनता जा रहा है। माता-पिता और शिक्षकों को इस दिशा में गंभीरता से पहल करनी चाहिए ताकि युवा समझ सकें कि सार्वजनिक स्थानों पर किस तरह का व्यवहार अपेक्षित है।”
नागरिक निकाय की प्रतिक्रिया
नवी मुंबई नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हालांकि मैं सीधे परिवहन विभाग से नहीं जुड़ा हूं, लेकिन इस तरह की घटनाएं सार्वजनिक स्थानों की गरिमा के खिलाफ हैं। हमें अपने सार्वजनिक परिवहन को सभी वर्गों के नागरिकों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक बनाए रखना होगा।”
वहीं, एनएमएनसी के कमिश्नर कैलाश शिंदे से इस विषय पर संपर्क नहीं हो पाया। हालांकि अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ती अश्लीलता: एक चिंताजनक ट्रेंड
यह पहली बार नहीं है जब सार्वजनिक परिवहन में इस प्रकार की घटना सामने आई है। इससे पहले भी मेट्रो, लोकल ट्रेनों और सार्वजनिक पार्कों में इस तरह की शिकायतें आ चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर ग्लैमराइजेशन, व्यक्तिगत आज़ादी की गलत व्याख्या और सामाजिक अनुशासन की गिरती समझ के कारण ऐसी घटनाओं में इजाफा हो रहा है।
वहीं मनोवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि डिजिटल युग में निजता की सीमाएं धुंधली हो गई हैं, जिसकी वजह से युवा वर्ग सार्वजनिक स्थानों पर अपने व्यवहार को लेकर उतना सतर्क नहीं रहता जितना अपेक्षित होता है।
कानूनी प्रावधान: जानिए क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर अश्लीलता फैलाना अपराध है। इस धारा के अंतर्गत दोषी व्यक्ति को जुर्माने के साथ-साथ तीन महीने तक की सजा भी हो सकती है। इस प्रावधान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक स्थानों की मर्यादा बनी रहे और अन्य लोगों की गरिमा का उल्लंघन न हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस तरह की घटनाओं को समय पर नहीं रोका गया तो यह सामाजिक अनुशासन और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।
पनवेल से कल्याण के बीच चलती बस में हुई यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि सार्वजनिक स्थानों पर मर्यादा और अनुशासन कितना जरूरी है। युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मतलब सामाजिक जिम्मेदारियों से मुक्ति नहीं है। इसी तरह, सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों को भी सख्त निगरानी और समय रहते हस्तक्षेप की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी शर्मनाक घटनाओं को रोका जा सके।
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