कर्नाटक में मुस्लिम महिलाओं ने सड़कों से हटाए पाकिस्तानी झंडे, Viral Video होने पर सोशल मीडिया पर भड़के लोग
viral video:देश भर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा इन दिनों उबाल पर है, खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद। इसी बीच कर्नाटक से सामने आए एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है। वीडियो में बुर्का पहने दो मुस्लिम महिलाएं सड़कों पर चिपकाए गए पाकिस्तानी झंडों को हटाते और संभालते हुए नजर आ रही हैं। यह वीडियो अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गया है, जहां लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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क्या है वायरल वीडियो की पूरी कहानी
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इंस्टाग्राम पर ‘पलटू पलटन’ नामक अकाउंट से साझा किए गए इस वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि दो महिलाएं सार्वजनिक स्थान पर सड़कों से पाकिस्तानी झंडों को हटाकर इकट्ठा कर रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना कर्नाटक राज्य की है, हालांकि सटीक लोकेशन की पुष्टि नहीं हुई है। इस दौरान वीडियो में महिलाएं आसपास मौजूद लोगों से बात करती और अपनी नाखुशी व्यक्त करती भी सुनाई देती हैं।
न्यूज़ 18 कन्नड़ की रिपोर्ट के अनुसार, इन महिलाओं ने पास खड़े कुछ लोगों से नाराजगी भरे लहजे में कहा कि इस तरह सड़क पर झंडे चिपकाना अनुचित है। हालांकि, इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर दौड़ गई। कई यूजर्स ने इसे देश विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताते हुए तीखी टिप्पणियां की हैं।
सोशल मीडिया पर बंटा जनमत
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, कमेंट सेक्शन में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा, “मदरसा छाप शिक्षा का यही नतीजा होता है।” वहीं, एक अन्य ने कहा, “अगर इन लोगों को पाकिस्तान से इतना प्रेम है तो फिर भारत सरकार की सब्सिडी लेने का हक नहीं होना चाहिए।”
कई यूजर्स ने इस घटना को देशभक्ति के खिलाफ बताया। एक व्यक्ति ने गुस्सा जताते हुए कहा, “इन महिलाओं ने अपनी वफादारी पाकिस्तान के प्रति दिखा दी है।” एक अन्य ने पास खड़ी भीड़ पर नाराजगी जताते हुए लिखा, “अफसोस है कि वहां मौजूद लोग मूकदर्शक बने रहे, किसी ने इन्हें रोका तक नहीं।”
कुछ लोगों ने महिलाओं का बचाव भी किया
हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में कुछ यूजर्स ने महिलाओं का पक्ष भी लिया। एक टिप्पणी में कहा गया, “हमें यह समझना चाहिए कि झंडे को हटाना सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा एक भाव हो सकता है, जरूरी नहीं कि यह किसी राष्ट्र विरोधी भावना का प्रतीक हो।”
इस बहस ने सोशल मीडिया को कई हिस्सों में बांट दिया है — एक ओर जहां लोग इन महिलाओं की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कुछ लोग धार्मिक प्रतीकों के सम्मान की बात करते हुए संयम बरतने की अपील कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि: कश्मीर हमले के बाद का देशव्यापी गुस्सा
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर केपहलगाममें हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद से पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बेहद गरम है। कई शहरों में विरोध प्रदर्शन, कैंडल मार्च और पाकिस्तान का पुतला दहन जैसी घटनाएं हो रही हैं। कुछ स्थानों पर लोगों ने गुस्से में पाकिस्तान के झंडे जलाए या सड़कों पर चिपकाए।
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सोशल मीडिया पर भड़के हुए कुछ विशेष टिप्पणियां
एक यूजर ने लिखा: “अगर यह इजरायल का झंडा होता, तो यही महिलाएं जूतों से रौंद रही होतीं।”
वहीं एक अन्य ने हिंदी भाषा के विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा: “हमें तो बस भाषा के नाम पर लड़ना आता है, असली मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं।”
यह घटना दर्शाती है कि भावनात्मक मुद्दों पर समाज कितनी जल्दी विभाजित हो सकता है। वहीं, इससे यह भी स्पष्ट होता है कि किसी भी दृश्य को देखकर तत्काल निष्कर्ष निकालना हमेशा उचित नहीं होता। घटनाओं की गहराई से पड़ताल जरूरी है, ताकि हम किसी के धार्मिक विश्वास और देशभक्ति के बीच संतुलन बना सकें।
वर्तमान माहौल को देखते हुए, देश को अब ज्यादा संयम और एकता की आवश्यकता है ताकि आतंकवाद जैसी असली समस्याओं के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला किया जा सके।
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