₹30 लाख की SUV भारत में ₹2 करोड़ क्यों हो जाती है? जानिए सच्चाई
भारत में विदेशी कार खरीदना क्यों इतना महंगा है?
क्या आपने कभी सोचा है कि जो SUV दुबई में केवल ₹30 लाख में मिल रही है, वही भारत में ₹2 करोड़ से ऊपर क्यों बिकती है? यह कीमत बढ़ोतरी ना तो गाड़ी के फीचर्स की वजह से है, ना ही उसकी ब्रांड वैल्यू की वजह से। इसके पीछे असली वजह हैभारत का टैक्स स्ट्रक्चर, जो विदेशी गाड़ियों को आम आदमी की पहुंच से दूर कर देता है।
इंपोर्ट ड्यूटी,GST,सेस, औररोड टैक्समिलकर एक साधारण SUV को भारत में लक्ज़री आइटम बना देते हैं। कई मामलों में यह कीमत5 से 7 गुनातक बढ़ जाती है।
भारत में विदेशी कारों की कीमतों में अंतर कैसे पड़ता है?
मान लीजिए आप दुबई में एकToyota Land Cruiser खरीदते हैं, जिसकी कीमत लगभग ₹30 लाख होती है। लेकिन जब वही गाड़ी भारत में आती है, तो उसकी कीमत₹2 करोड़ से भी ज्यादाहो जाती है।
ठीक ऐसा हीBMW X5के साथ होता है। अमेरिका में इसकी कीमत लगभग ₹55 लाख है, लेकिन भारत में यही मॉडल₹1 करोड़ से अधिकमें बिकता है।
तो यह अतिरिक्त पैसागाड़ी के ऊपर खर्च नहीं हो रहा, बल्कि सरकार को टैक्स में जा रहा है।
भारत में विदेशी कारों पर टैक्स कैसे लगता है?
अब हम समझते हैं कि यह कीमत इतनी क्यों बढ़ती है। विदेशी कारों पर भारत सरकार कई स्तरों पर टैक्स लगाती है:
1. इंपोर्ट ड्यूटी (60%–100%)
जो गाड़ियाँ पूरी तरह से बाहर से बनकर आती हैं (CBU – Completely Built Unit), उन पर सरकार60% से 100% तक इंपोर्ट ड्यूटीलगाती है। इससे गाड़ी की बेस प्राइससीधे दोगुनी हो जाती है।
2. जीएसटी (28%)
इसके बाद सरकार गाड़ी पर28% GSTलगाती है, जो सभी लक्ज़री वाहनों पर सामान्य दर है।
3. सेस (Cess) – 22% तक
GST के ऊपर भी सरकारकंपनसेशन सेसलगाती है, जो इंजन क्षमता और गाड़ी के टाइप पर निर्भर करता है। यह22% तकहो सकता है।
4. रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन – 8% से 20%
भारत के अलग-अलग राज्यों में रोड टैक्स की दर अलग होती है। आमतौर पर यह8% से 20%के बीच होती है। इसके साथ-साथ आपकोरजिस्ट्रेशन फीस,इंश्योरेंस, औरलॉजिस्टिक चार्जेसभी देने पड़ते हैं।
👉 कुल मिलाकर, जब आप गाड़ी भारत में खरीदते हैं, तो उसकी कीमत200% तक बढ़ जाती है।
दुबई और अमेरिका में गाड़ियाँ सस्ती क्यों हैं?
दुबई, अमेरिका और यूरोप में कारें सस्ती होने की बड़ी वजह है:
कम इंपोर्ट ड्यूटी(दुबई में सिर्फ 5%)
कम टैक्स रेटया टैक्स माफी
प्रतिस्पर्धा अधिकहोने की वजह से ब्रांड्स को दाम कम रखने पड़ते हैं
कुछ उदाहरण:
दुबई में ₹75 लाख कीBMW X5, भारत में ₹1 करोड़+
अमेरिका में ₹80 लाख कीRange Rover, भारत में ₹2 करोड़+
दुबई में ₹35 लाख कीToyota Fortuner, भारत में ₹50 लाख+
ये फर्क सिर्फ गाड़ी की कीमत में नहीं, बल्कि सरकार द्वारा लगाए गएबड़े टैक्समें छिपा है।
देशी कंपनियों की गाड़ियाँ सस्ती क्यों होती हैं?
Tata, Mahindra और Maruti Suzukiजैसी कंपनियाँ गाड़ियाँ भारत में बनाती हैं या यहां असेंबल करती हैं। इससे उन्हें निम्नलिखित फायदे मिलते हैं:
CBU टैक्स नहीं लगता
CKD (Completely Knocked Down)सिस्टम के तहत पार्ट्स को लाकर असेंबली करने पर टैक्स काफी कम लगता है
सरकार की PLI स्कीमऔर दूसरे इंसेंटिव्स मिलते हैं
लोकल सप्लाई चेन से लागत घटती है
इसका सीधा असर कीमत पर पड़ता है, और यही वजह है किTata Nexon, Mahindra Scorpioजैसी गाड़ियाँ आम लोगों की पहुंच में रहती हैं।
क्या सिर्फ अमीरों पर असर होता है? बिल्कुल नहीं!
यह धारणा गलत है कि टैक्स का असर सिर्फ अमीरों पर पड़ता है। असल में:
ऊँचे टैक्स से विदेशी कंपनियाँ भारत में नई टेक्नोलॉजी नहीं लातीं
आम लोगबेहतर सेफ्टी, माइलेज और तकनीकसे वंचित रहते हैं
इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों कीस्वीकृति धीमी होती है, क्योंकि अधिकतर मॉडल आयात किए जाते हैं
इसलिए, ये टैक्स आपके बजट गाड़ी पर भीअप्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं।
क्या कोई रास्ता है जिससे टैक्स बचाया जा सके?
कुछ विशेष परिस्थितियों में टैक्स से राहत मिल सकती है:
NRI रूल (Transfer of Residence)– यदि कोई व्यक्ति विदेश से स्थायी रूप से भारत लौटता है, तो वह एक गाड़ी ड्यूटी-फ्री ला सकता है (लेकिन कई शर्तों के साथ)
डिप्लोमैट्स को छूट– राजनयिकों और दूतावास के कर्मचारियों को विशेष टैक्स छूट मिलती है
CKD असेंबली– कुछ कंपनियाँ पूरी गाड़ी के बजाय पार्ट्स लाकर भारत में असेंबल करती हैं, जिससे टैक्स काफी घटता है
लेकिन एक सामान्य उपभोक्ता के लिएकोई सीधा रास्ता नहीं है। आपको पूरे टैक्स और प्रक्रिया को फेस करना ही पड़ेगा।
FAQs: भारत में विदेशी SUV इतनी महंगी क्यों होती है?
Q1. दुबई की ₹30 लाख की SUV भारत में ₹2 करोड़ की क्यों हो जाती है?
क्योंकि उस पर 60%-100% इंपोर्ट ड्यूटी, 28% GST, 22% सेस, और राज्य का रोड टैक्स लगता है।
Q2. क्या मैं दुबई से गाड़ी भारत ला सकता हूँ?
हाँ, लेकिन उस पर भारी टैक्स, कस्टम ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया लागू होती है। अंत में, यह भारत में खरीदने से भी महंगी पड़ती है।
Q3. भारतीय कंपनियों की गाड़ियाँ इतनी सस्ती क्यों हैं?
क्योंकि वे भारत में बनती हैं, जिससे इंपोर्ट टैक्स नहीं लगता और सरकार से इंसेंटिव भी मिलते हैं।
जानिए असली कीमत का रहस्य
जब आप भारत में ₹2 करोड़ की SUV देखते हैं, तो समझ लीजिए कि गाड़ी की असली कीमत सिर्फ ₹30-50 लाख है। बाकी सब टैक्स, टैक्स और टैक्स है।
सरकार इन टैक्स के जरिएदेशी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावादेती है, लेकिन इससेआम उपभोक्ता को अत्यधिक कीमत चुकानी पड़ती है।
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