हिंदुस्तान का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल: गैंगरेप-ब्लैकमेल कांड के सभी 6 दोषियों को आजीवन कारावास; 5-5 लाख का जुर्माना, 100 से ज्यादा लड़कियों को रेप कर किया था ब्लैकमेल, जानें पूरा मामला

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Ajmer Sex Scandal Case Verdict: हिंदुस्तान का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल: गैंगरेप-ब्लैकमेल कांड के सभी 6 दोषियों को आजीवन कारावास; 5-5 लाख का जुर्माना, 100 से ज्यादा लड़कियों को रेप कर किया था ब्लैकमेल, जानें पूरा मामला

अजमेर के रेप और ब्लैकमेलिंग केस में अदालत का फैसला

Ajmer sex scandal case verdict: राजस्थान के अजमेर में हुए बहुचर्चित रेप और ब्लैकमेलिंग केस में अदालत ने 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, प्रत्येक दोषी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

तीन दशक पुराना मामला

यह मामला करीब 30 साल पुराना है, जिसकी शुरुआत मई 1992 में हुई थी। उस समय इस कांड की पहली एफआईआर तत्कालीन डीवाईएसपी हरि प्रसाद शर्मा ने दर्ज कराई थी। मामला सामने आते ही पूरे अजमेर और देशभर में हंगामा मच गया था। इस केस में अजमेर के एक प्रतिष्ठित स्कूल की कई छात्राओं को निशाना बनाया गया था।

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कांड का मास्टरमाइंड

इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड तत्कालीन अजमेरयूथ कांग्रेसका अध्यक्ष फारूक चिश्ती था, जो उस समय अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष था। उसके साथ नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती भी थे। इन आरोपियों ने पहले एक छात्रा को बहलाकर अपने फार्म हाउस पर बुलाया, फिर उसके साथ रेप किया और उसकी नग्न तस्वीरें खींचीं। इसके बाद उस लड़की को ब्लैकमेल किया कि वह अपनी सहेलियों को भी वहां लेकर आए।

100 से ज्यादा लड़कियों को बनाया शिकार

अपने अश्लील तस्वीरों के लीक होने के डर से मजबूर होकर, उस लड़की ने अपनी सहेलियों को भी इस दलदल में धकेल दिया। धीरे-धीरे करके इन दरिंदों ने 100 से ज्यादा मासूम लड़कियों को अपना शिकार बनाया। इन लड़कियों के साथ रेप कर, उनकी नग्न तस्वीरें उतारकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था।

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स्कैंडल का खुलासा

यह मामला तब खुला जब लड़कियों की अश्लील तस्वीरें शहर में वायरल होने लगीं। ब्लैकमेलिंग और दबाव के चलते, कुछ लड़कियों ने आत्महत्या भी कर ली। इसी दौरान, एक लड़की की अश्लील तस्वीर दैनिक नवज्योति अखबार के पत्रकार संतोष गुप्ता के पास पहुंची। उन्होंने मामले की जांच-पड़ताल शुरू की और सच को सामने लाने में बड़ी भूमिका निभाई। धीरे-धीरे, पीड़िताओं ने भी हिम्मत दिखाई और अपने बयान दर्ज कराए, जिससे इन दरिंदों को सजा दिलाई जा सकी।

अजमेर का यह मामला न केवल शहर बल्कि पूरे देश को हिला देने वाला था। अदालत के इस फैसले से एक बार फिर यह साबित हो गया कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और न्याय की जीत होती है।

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